चातुर्मास पष्चात प्रथम विहार करते हुअे उपाध्याय प्रवीण ऋशिजी म.सा आदि ठाणा बेगम पेठ स्थित श्री अषोक जी कोठारी के निवासस्थान पर पधारे । चातुर्मास समापन निमीत्त श्री आखिल भारतीय आनंदतीर्थ धर्मसंघ द्वारा आयोजीत कृतज्ञता समारोह में उपाध्याय श्री प्रवीणऋशिजी म.सा. ने कहा – जो उपकारों के प्रती कृतज्ञता व्यक्त करता है वही धार्मिक , आस्तिक एवं समकिती होता है । जो एहसान को कबुल नही करता उसे परमात्म ा मिथ्यात्वी कहते । मिथ्यात्वी को पाप की सजा मिलती है अच्छे का फल नही मिलता है और समकिती को पुण्य के फल निष्चीत मिलते है । कई लोगों के जीवन में गलती करते है तो षिक्षा मिलती है , लेकिन अच्छा करते है तो पुरस्कार नही मिलता ।
जिस व्यवस्था में आस्था के प्राण नही वो व्यवस्था कभी जिंदा समाज को ताकद नही दे सकती है । जिस सिध्दंात को आस्था की जमिन नही मिलती वे जिंदगी में बोझ बनकर रह जाते है । केवल अच्छा होना पर्याप्त नही, अच्छा करना पर्याप्त नही , कोई अपराधी भी गलत कर नही सके ऐसी व्यवस्था निर्माण करेंगे तो ही अच्छाई , धर्म सुरक्षित रह पायेगा । भिश्म पितामह बहुत षक्तिषाली थे ,पांडव बहुत अच्छे थे लेकिन एक दुर्योधन को नही रोक पाये । जो समर्थ होकर भी अपराधी को रोकते नही , वे भिश्म पितामह जैसे नियती को झेलने को मजबूर हो जाते है|
भगवान् पार्श्वनाथ के षासन में संघ व्यवस्था नही थी । महावीर के षासन में प्रतीक्रमण का नियम बनाया, पोशाख बनाया । लेकिन श्रावक संघ नही बन पाया । प्रथम आचार्य श्री आत्माराम जी म.सा. आचार्य श्री मायाराम जी म.सा अजैन थे । इन सारे सवालों के जबाव देने के लिये एक संघ की आवष्याकता है , एक सिध्दांत के आधार पर चलनेवाले व्यवस्था की आवष्यकता है । इसीलिए आनंदतीर्थ धर्मसंघ का सपना लेकर चले है ।
माता पिता गुरू के उपकार को स्विकारने वाला कृतज्ञ होता है । एकेंद्रीय जीव का सहयोग नही मिले तो एक पल भी हम जिंदा नही रह सकते । उनके प्रती कृतज्ञता रखना ये समकिती का लक्षण है ।
अर्हम गर्भसंस्कार, पुरूशाकार पराक्रम, डिस्कव्हर युअर सेल्फ, साप्ताहिक उत्त्राध्ययन श्रुत देव आराधना, गौतम लब्धी , कांचीगुडा संघ , श्रमणोपासक रामकोट संघ , कोरा संघ , वर्धमान युवा संघ कांचीगुडा , आनंदतीर्थ महिला परिशद , उडडाण टिम , बिईंग अर्हत बाल संस्कार षिबीर टीम , श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ सिकंदराबाद , मारेडपल्ली संघ , जैन काॅन्फेरन्स युवा षाखा , महावीर इंटरनॅषनल , जैन सेवा संघ , मिडीया प्रभारी श्री मनोज कोठारी , माता मरूदेवी महिला मंडल आदि संघ का श्री आखिल भारतीय आनंदतीर्थ धर्मसंघ की ओर से चातुर्मास दौरान प्रदान की गई विषीश्ट सेवा के लिये सन्मान सत्कार किया गया ।
त्रयनगर प्रवास में पहली कृतज्ञता म.सा.ने सज्जनराज जी धाडीवाल परिवार को देते हुअे म.सा. ने कहा, कई सालों अनन्य भक्ति पुर्वक आपने सेवा की है । गुरू आंनद फाउंडेषन की ओर से पुना से पधारे श्री सतीष सुराणा तथा सहकारीयों की ओर से श्री सज्जनराज धाडीवाल, स्वरूपचंद कोठारी , संपतराज कोठारी, अषोक बोहरा तथा उडान टिम का अभिनंदन किया गया । श्री सतीष सुराणे ने सभी श्रध्दालुओं को 17 दिसंबर 2017 को आचार्य आनंद ऋशिजी म.सा. के जन्मस्थली पर आयोजित किये जा रहे आनंदतीर्थ प्रकल्प के प्रथम चरण में ‘‘गुरू आनंद चरण तीर्थ ’’ का समर्पण समारोह में उपस्थित होने का आवाहन तथा आग्रह किया । द्वारा षोक कोठारी महावीर गाथा कार्यक्रम में पहली बार जुडे फिर उन्हों ने पिछे मुडकर नही देखा । महावीर डायलिसीस तथा महावीर हाॅस्पिटल रिसर्च सेंटर के अधिकतर ट्रस्टी उपस्थित रहे । डायलिसीस के साथ ध्यान साधना उपक्रम की जानकारी देते हुअे कहा , जैन समाज ने आगम में रिसर्च करना चाहिए ।
उडान टिम का अभिनंदन करते हुअे म.सा. ने कहा सभी नव युवक युवती बारह व्रतधारी श्रावक बने है । सभी प्रती रविवार की सामायिक स्थानक में जाकर करेंगे । उडान टिम का मेंबर दुसरे संस्था में सहभागी
हो सकता है , लेकिन कोई पद स्विकार नही कर सकता ये नियम बनाया है । आखिल भारतीय आनंदतीर्थ धर्मसंघ के अध्यक्ष श्री स्वरूपचंद कोठारी ने सभी उपस्थितों का आाभार प्रकट किये ।