आइए ! जुड़िये!!
हमारे मन मंदिर के देवता,आराध्य देव पूज्य गुरुदेव आचार्य भगवंत की दीक्षा जयंति महोत्सव पर अर्हम् विज्जा प्रणेता पू.श्री प्रवीणऋषिजी म.सा. की सत्प्रेरणा से और जिनशासन गौरव पू. श्री सुनंदाजी म.सा. के मार्गदर्शन से “आनंद रत्न पुरस्कार” तथा “रत्न आनंद पुरस्कार” का आयोजन किया गया है।
१५ साल के अंदर जिन जिन बच्चों ने संपूर्ण प्रतिक्रमण (विधि सहित) कंठस्थ किया है और आनंद रत्न पुरस्कार का निर्धारित पाठ्यक्रम का अभ्यास पूरा किया है उनका नाम रजिस्ट्रेशन कराइए |
सिद्ध स्तुति और वीरस्तुति को ।
जो कंठस्थ ही करता है ॥
पच्चीस बोल प्रतिक्रमण को
मुखसे बोल दिखाता है।
आनंद रत्न के शुभ श्रृंगारसे ।
उसे सराया जाता है ।
यौगिक शक्ती गुरुSS राज की।
वह बचपन मे पाता है।
गुरु आनंद के गुरु SS कुल में । जो धार्मिक पढ़ाता है ॥
रत्न-आनंद पुरस्कार से उसे नवाजा जाता है॥
अतः इस अभियान में स्वयं जुड़े और औरों को भी जोड़िए।
जिन बच्चों का आनंद रत्न पुरस्कार का पाठक्रम पूर्ण हुआ है उनकी परीक्षा ऑनलाइन वीडियो कॉल पे ली जाएगी।
REGISTER NOW
पाठ्यक्रम
- भक्तामर स्तोत्र
- कल्याण मंदिर स्तोत्र
- महावीराष्टक स्तोत्र
- चिंतामणी पार्श्वनाथ स्तोत्र (किं कर्पूरमय….) इन ४ स्तोत्रों का शुध्द उच्चारण करना जरूरी है।(कंठस्थ करना जरूरी नहीं है।)
तथा
- सिध्द स्तुति
- पुच्छिसुणं (वीरत्थुइ)
- २५ बोल स्तोक कंठस्थ
प्रतिक्रमण कंठस्थ होना अनिवार्य है।
रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख: २० नवंबर २०२३
परीक्षा की तारीख: २३ नवंबर २०२३ से
सूचना: परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद ही व्हाट्सएप ग्रुप में आपको जोड़ा जायेगा।
उससे पहले कोई व्हाट्सएप ग्रुप नही किया जाएगा। आपसे परीक्षा के समय सीधा संपर्क साधा जायेगा।
जानकारी के लिए संपर्क करे: ९२८४०६४६३९ | ८८३०८०७१५६