गौतमलब्धि की शाखा खोलने के लिए मार्गदर्शक सुत्र
(1) गौतमलब्धि की शाखा अपने क्षेत्रमे या गांवमे खोलने के लिए अर्हम विज्जा के प्रेरक प. पू. श्री प्रविणऋशीजी म. सा. की अनुमती लेना अनिवार्य है |
(2) अपने शाखा का रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है | रजिस्ट्रेशन के बाद 80G के लिये अर्जी करना महत्त्वपूर्ण है |
(3) नयी शाखा खोलने के लिये कमसे कम ग्यारह कार्यकर्ता होने चाहिये |
(4) शाखा खोलते समय कमसे कम सौ कलश का वितरण का लक्ष्य रखना चाहिये | अपने विभाग मे सभी घरोमे कलश वितरण की व्यवस्था करनी चाहिये |
(5) सेवा, शिक्षा और विकास के साथ हमारा मुख्य उद्देश संघठन भी है | इसलिए हर दस परिवार के लिये एक कार्यकर्ता यह सुत्र रखना जरुरी है |
(6) सालमे दो बार संकलन करना | संकलन महोत्सव के रुपमे मनाये |
(7) गौतमलब्धि का नियम है किसी भी प्रकारके कार्यक्रम या नित्य खर्चे संकलन मे आयी हुई राशीसे नही होते. संकलनमे आयी हुई राशी का शत प्रतिशत उपयोग सेवा, शिक्षा एवं विकास के कार्यमे होना चाहिए |
(8) अपनी शाखा स्थापना करने के बाद कार्य शुरु होने के पहले आपको राष्ट्रीय गौतमलब्धिमे 11,000 भरके अपना रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है |प्रतिसाल जिसका ॲाडीट करना जरुरी है ।
(9) कलशधारकों का वॉट्अप ग्रुप बनाये | अपनी शाखा का राष्ट्रीय गौतमनिधी फाऊंडेशनमे रजिस्ट्रेशन होने के बाद आपको संविधान की फोटो काॅपी और कलश भेजे जायेगे |
(10) गौतमलब्धि की सारी कार्यवाही बॅंक अकाउंट से होगी | कोई भी व्यवहार नगद रुपमे नही होगा |
(11) जरुरतमंद साधर्मिक बंधूको व्यक्तीगत रुपमे भुगतान नही होगा | अस्पताल, काॅलेज या स्कूल के नामसे चेक दिये जायेगे |
(12) गौतमलब्धि मे सबसे खास बात यह है सर्वेक्षण कीये बगैर किसीको भुगतान नही करना है | हमे समाजाने चंदा दिया है उसका विनियोग योग्य मार्गसे होना चाहिये |(13) अगर जरुरतमंद व्यक्ती दुसरे विभागसे होती है तो कृपया वहाके गौतमलब्धि के कार्यकर्ता को संपर्क करे और उनसे जानकारी लेकर ही आगे की कार्यवाही करे |
(14) गौतमनिधी का मुख्य सुत्र है किसीभी मदत प्राप्त परीवार का नाम किसीभी जगह प्रसारीत करना नही ।किसीभी साधर्मिक बंधुका मदत देते हुअ फोटो निकालना या ऊसे प्रसारीत करना मना है
(१५) गौतमलब्धि मे जुडनेसे पहले एक बातका जरुर ध्यान रखे | यह सेवा का कार्य है इसमे जुडनेसे अंतरीक समाधान जरुर मिलेगा लेकीन नाम और प्रसिद्धी के भावसे जुडेंगे तो इसमे सफलता नही मिलेगी |